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Sparkle in Wisdom
Poems
Sep 2020
Hindustan!
तानाशाह हो, शहंशाह हो,
अंग्रेज़ी हुकूमरान हो,
सरकार-ए-हिन्द हो,
सब को एक दिन सुपुर्द-ए-खाक़ होना है।
हर शक्स अपने चरम पे
मग़रूर था,
आख़िर समय में कफ़न में लिपटा
किसी के कंधों पर मजबूर बना था।
मेरे मुल्क ने ज्यादतियां देखी,
मग़रूर की मस्तियां देखी,
इतिहास गवाह है,
इन सब के बाद भी हिंदुस्तान ने
फिर से एक सुनहरी किरण देखी।
हुकूमते आयीं और चलीं गई,
मेरे मुल्क ने किसी को प्यासा नहीं भेजा,
जागीर लुटा के आने वालों को जागीरदार बनाया,
भिकारी को भी यहां तख्त से नवाज़ा।
आज का दौर भी गुजर जाएगा,
इतिहास बदला जाएगा,
बेजुबानों को सुनने वाला,
कोई ना कोई जल्द ही आएगा।
Sparkle In Wisdom
20/9/20.
🙏🙏
Written by
Sparkle in Wisdom
43/F/West Africa
(43/F/West Africa)
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