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Jun 2020
गुज़र जातें हैं
लम्हे ये सोचने में की काश,
कभी तुम भी हमारी ओर आने वाला रास्ता चुनते।
और सोचने सोचने में अक्सर,
सारे रिश्ते, नाते, बातें, वादे,
सभी यादें बनकर रह जातें हैं।
- मेघा ठाकुर
Written by
Megha Thakur  25/F
(25/F)   
170
 
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