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Jan 2020
गणतंत्र नाम है गौरवशाली
जिससे हर तरफ है खुशहाली
जन की सत्ता में है भागीदारी
चाहे हो पुरुष, चाहे हो नारी
सबको मिलती अपनी बारी
युवा भी रखते अपनी बात
बिना कोई रोक और दुश्वारी।

गांव, शहर,राज्य और देश
सब चुनते हैं अपनी सरकार
खड़ग,भाला, ढाल और तलवार
कभी नहीं होती इन की दरकार
ना गरीब, अमीर , अल्पसंख्यक
और बहुसंख्यक का विशेषाधिकार
सिर्फ स्वस्थ बहस और वोटिंग
यही है बस इसका आधार।

संसद में बनते कानून
समय-समय पर संशोधन
तरह तरह का होता मंथन
जिसका हो जितना प्रज्ञा चिंतन
गरीब, अमीर, धर्म ,जाति का भेद मिट जाए
बस गणतंत्र इतना और सक्षम हो जाए।।
Mohan Jaipuri
Written by
Mohan Jaipuri  60/M/India
(60/M/India)   
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     SimPrey, Shashi and Indeed
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