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Jan 2020
दोस्त जिंदगी की किताब
के खूबसूरत पन्ने हैं
जो बेमिसाल रंगों से रंगे हैं
कई फूलों से प्रत्यक्ष चमकीले हैं
कई अंदर से रंगीले हैं
कई तो ऐसे भेजते हैं संदेश
जैसे उन्होंने धर लिया हो मधुकर का भेष
कुछ ऐसे होते हैं बिंदास शायद
उनके आंचल नहीं होते कभी उदास
ऐसे प्यारे दोस्तों ने अपनी बधाइयों से
आज भी यह दिन बनाया है खास
जिससे इस सर्द मौसम में भी
गर्माहट का हुआ पूरे दिन एहसास
अब 55 का हृदय हुआ
बालों में सोना उगा
फिजां भी है बदली- बदली
बस एक दोस्त ही हैं जो अब भी
बातें करते हैं संदली-संदली
Yaum-e-wiladat ehsas
Mohan Jaipuri
Written by
Mohan Jaipuri  60/M/India
(60/M/India)   
30
       ---, Jayantee Khare and RSB
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