दोस्त जिंदगी की किताब के खूबसूरत पन्ने हैं जो बेमिसाल रंगों से रंगे हैं कई फूलों से प्रत्यक्ष चमकीले हैं कई अंदर से रंगीले हैं कई तो ऐसे भेजते हैं संदेश जैसे उन्होंने धर लिया हो मधुकर का भेष कुछ ऐसे होते हैं बिंदास शायद उनके आंचल नहीं होते कभी उदास ऐसे प्यारे दोस्तों ने अपनी बधाइयों से आज भी यह दिन बनाया है खास जिससे इस सर्द मौसम में भी गर्माहट का हुआ पूरे दिन एहसास अब 55 का हृदय हुआ बालों में सोना उगा फिजां भी है बदली- बदली बस एक दोस्त ही हैं जो अब भी बातें करते हैं संदली-संदली