आज फिर उसने अपने हृदय को कफन बताया प्यार उसमे सारा मेरे लिए दफन बताया प्यार कभी ना दफन होता उदास भाव से करो याद तो यह चिंगारी बनता मंद मुस्कान से करो याद तो यह फुलवारी बनता चारों तरफ हैं ऐसे मंजर बस थोड़ी लंबी तू नजर पसार दिनों का क्या है बीती हैं यहां पीढ़ियां हजार मुश्किल फिर भी यदि सफर लगे सच्चे दिल से उसे लो पुकार।।