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Aug 2019
आज फिर उसने अपने
हृदय को कफन बताया
प्यार उसमे सारा
मेरे लिए दफन बताया
प्यार कभी ना दफन होता
उदास भाव से करो याद
तो यह चिंगारी बनता
मंद मुस्कान से करो याद
तो यह फुलवारी बनता
चारों तरफ हैं ऐसे मंजर
बस थोड़ी लंबी तू नजर पसार
दिनों का क्या है
बीती हैं यहां पीढ़ियां हजार
मुश्किल फिर भी यदि सफर लगे
सच्चे दिल से उसे लो पुकार।।
Mohan Jaipuri
Written by
Mohan Jaipuri  60/M/India
(60/M/India)   
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   Jayantee Khare
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