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Feb 2019
!!!
बचपन की आंखों से देखा
था शाशक्त सपना,
देशभक्ति की ज्वाला
अपने अंदर भरे,
बन कर फौजी देशप्रेम
निभाऊंगा,
यह वादा खुद से कर के
चल पड़ा,
निभाया।

फौजी की जिम्मेदारी भी
सर्वशक्ति  निभाया था,
देश पर मर मिटने की कसम भी
ना तोड़ पाया था,
जिस देश पे गर्व और गौरव
से दिल भरा था,
आज उसी देश के तिरंगे में
लिपटा
मैं विदा हो रहा था।

सपना मेरे बाद भी जीवंत था,
मैं दुबारा फौजी बनने के लिए
फिर एक बार
जन्मने को तैयार था।

Sparkle In Wisdom
27 Feb 2019.
Sparkle in Wisdom
Written by
Sparkle in Wisdom  43/F/West Africa
(43/F/West Africa)   
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       Aslam M, ---, Jayantee Khare and Sarita Aditya Verma
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