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Shrivastva MK
Poems
Dec 2018
सोचा ना था........?
सोचा ना था कि तुम पलभर में इस क़दर बदल जाओगे,
मेरी साँसे साथ तो रहेगी और तुम दूर चले जाओगे,
जिस ईश्क़-ए-इबादत में खुद को महफूज़ रखा करता,
सोचा ना था कि उसी मोहब्बत की आड़ में तुम हमें इस क़दर जला जाओगे,
ज़िन्दगी बेशक़ तुम्हारे बग़ैर खुशी के साथ जीते है,
सोचा ना था कि तुम मेरा बनकर मेरे अहसासों का सरेआम क़त्ल कर जाओगे,
ये तो पता था कि अक़्सर इश्क़ में अश्क़ उपहार दिए जाते है,
सोचा ना था कि हमें तुम इस क़दर ग़ैर बना जाओगे,
जिन नज़रों से कभी तुम्हारी राह तकता,
सोचा ना था उन्हीं नज़रों में समा नज़ारे ही छीन जाओगे,
शुक्रिया तो फ़िर भी हम तुम्हारा तहे दिल से करेंगे,
सोचा ना था कि तुम हमें ज़िन्दगी का इतना खूबसूरत पाठ पढ़ा जाओगे,
Written by
Shrivastva MK
23/M/INDIA
(23/M/INDIA)
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