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Dec 2018
डर इस बात का नही है कि हम एक दूसरे से अलग हो जाए,
डर तो इस बात का है कि हम साथ रहकर भी कहीं अज़नबी ना हो जाए,

ये सच है कि हमें खुद से ज्यादा आपसे मोहब्बत है,
पर इस वक़्त का क्या?जो बिन बताये ही पलट जाए,

लफ्ज़ और असलियत में बस फर्क इतना सा है,
एक सुना तो जाना, एक हुआ तब समझ आए,

अरे कैसे समझाऊँ खुद को ,की यहाँ इंसान बेवक़्त ही बदल जाते है,
पर क्या करे दील होता ही ऐसा है,जब लग जाए ठोकर इसे तब समझ आए,

यहाँ हज़ार मतलब मिलेंगे ज़िन्दगी और मौत का,
बस फर्क इतना सा है कि ज़िन्दगी हो तो अपनो के साथ,या ख़ुद के लिए चैन की नींद सो जाए,

कुछ यूं बदल गयी ज़िन्दगी मेरी ,जिसे कल लोग बेबाक़ बातें कहते,
आज जब दिल टूटा  तो वो बेबाक़ बाते भी किसी को सायरी लगती तो कोई गज़ल समझ जाए।
Shrivastva MK
Written by
Shrivastva MK  23/M/INDIA
(23/M/INDIA)   
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     ---, Abhishek kumar, Star BG and Jayantee Khare
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