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Sep 2018
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हमारे नक्स-ए-पा
गर मिल ही जायें
तुम चले आना।

खौफ़-ए-पुर
दस्त-ओ-सहरा से
कहीं तुम हो नही जाना।।

ना जाने कब से
मुन्तज़िर है दिल
दीदार-ओ-वस्ल का।

रंज़-ओ-ग़म
अपने अता कर के  
मुहब्बत साथ ले जाना।।


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©deovrat 07.09.2018

नक्स-ए-पा=footprint
खौफ़-ए-पुर=fearful
दस्त-ओ-सहरा=for­est & desert
मुन्तज़िर=awaiting
Deovrat Sharma
Written by
Deovrat Sharma  58/M/Noida, INDIA
(58/M/Noida, INDIA)   
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