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Jul 2018
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उसके चेहरे पे चमक आँखों मे आँसू होंगे।
उसके लब पोशीदा-ए-मसर्रत से रोश़न होंगे।।

भारी दिल और जिग़र में  अहसाश-ए-ख़लिश।
फज़ल-ए-रब को हाथ सर पे फिराए होंगे।।

वक़्त-ए-रुख़सत वो घर से चले लख़्ते ज़िगर
बोसा पेश़ानी पे और कलेज़े से लगाये होंगे।।

हिफ़ाजत-ए-माद़रे वतन सख़्त कलेज़ा करके।
माँ ने श़ान-ओ-फ़र्ख से बेटे सरहद पे भेजे होंगे।।

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©deovrat 20-07-2018
Deovrat Sharma
Written by
Deovrat Sharma  58/M/Noida, INDIA
(58/M/Noida, INDIA)   
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