ज़िन्दगी में एक वक़्त ऐसा भी था,
जब मैं कुछ भी नहीं था ,
ज़िन्दगी में मैं आज भी कुछ नहीं,
पर तेरी नज़र में ए-परवरदिगार
मैं तब भी इंसान था
मैं अब भी इंसान हूँ।
वक़्त बदलता रहा, दिन बदलते रहे,
ज़िन्दगी में लोग जुड़े , लोग बिछड़ते गए,
जुड़ते लोगों ने, जुड़ते इरादों ने,
ज़िन्दगी को ....
मजबूती दी, ठहराव दिया,
दिशा दी, नाम दिया,
शोहरत दी,पड़ाव दिया।
बिछड़ते लोगों की नज़रों ने
कभी भगवान का दर्जा दिया
कभी इंसान के काबिल भी ना समझा।
बीता समय बीत गया
उम्र ढली दिन बीत गया
इसी दुआ से ज़िन्दगी को रुक्सत दूँ
के
बस तेरी नज़रों में इंसान बना रहूँ
इंसान ने हमे क्या समझा
इसकी न तब फ़िक्र की थी
न ही आज परवाह है…
Sparkle in Wisdom.
A thought again..
In life, once upon a time
I was nothing,
I am nothing even today..
But oh! Lord
In your eyes I was human then
I am human today..
With passing time, people are added in life
People depart from life..
People adding, ideas flowing
Determination growing,..
In life, it gave
Solid life, name, direction..
Fame, destinations,
Those who departed..thr eyes
Sometimes made me God...
Sometimes did not acknowledge me as human...
Time has flown away
Life has moved on
I pray to thee.. My Lord!!
That when I leave this immortal land..
I be human in your eyes..
I never cared what humans thought of me
Not in past
Not today...
_()_