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Mar 2018
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ज़ुल्म कितना भी हो..

कभी सर, ना झुकेगा मेरा !

ज़ज़्बा मुझको विरासत में ..

मिला है यूँ  सर कटाने का !!

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बेवफा वक्त नही,

इंसान हुआ करते हैं !!

ना  दे इल्ज़ाम यूँ,

माज़ी को बदगुमानी का !


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*deovrat - 21. 03. 2018 (c)
Deovrat Sharma
Written by
Deovrat Sharma  58/M/Noida, INDIA
(58/M/Noida, INDIA)   
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