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Dec 2017
...
तुमसे मिलना...
तुमसे बातें करना..
तुमसे रूठना...
या तुमसे बिछुड़ना...


सब कुछ...
एक ख्वाब सा है..
तुम तुम ना रहे..
बस एक अहसास सा है..


अब तो फकत..
चन्द सवालात..
अन्बूझ पहेली की तरह...
चेहरे की फीकी सी चमक..


एक ...
रवायत ..
की...
मानिंद..
तेरा अहसास
करा देती है..



**deovrat-12.12.2017 (c)
Deovrat Sharma
Written by
Deovrat Sharma  58/M/Noida, INDIA
(58/M/Noida, INDIA)   
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