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Shrivastva MK
Poems
Nov 2017
अनजान राहों में कहीं छूट से गये है..
मेरे सपने टूट से गये हैं,
मेरे अपने रूठ से गये हैं,
हमसफ़र बन साथ निभाने वाले
अनजान राहों में कहीं छूट से गये है,
इन आँखों का चैन अब लूट से गये है,
ये पल, ये मौसम मुझसे रूठ से गये है,
बनकर हिम्मत इस दिल का वो
अनजान राहों में कहीं छूट से गये है,
#short
#hindi
#sad
Written by
Shrivastva MK
23/M/INDIA
(23/M/INDIA)
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