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Oct 2017
मैं सुखी डाली का एक मुरझाया हुआ बेला हु,
पर ये सच है उदास हु आज मैं ,बहुत अकेला हु,

ये अलग बात है की मैं झूठा बहुत हु,
हां पर सच बताऊ तो मैं टूटा बहुत हु,

आजतक मैंने सपने सजोया बहुत है,
सच बताऊ तो अकेले में रोया बहुत है,

इस रंगीन दुनिया मे प्यार के नाम बहुत है,
पर सच बताऊ तो आज प्यार बदनाम बहुत है,

जो एक अधूरा ख्वाब तूने इन आँखों मे दिए थे,
पर सच बताऊ तो गम भी सिर्फ तूने ही दिए थे,

ये अलग बात है कि मुझे प्यार की समझ ना थी,
पर सच बताऊ तो तुम्हे मेरी प्यार की परख ना थी,

ये अलग बात है मैंने हस के गम भुलाया बहुत है,
पर सच बताऊ तो मेरे अपनो ने ही इस दिल को दुखाया बहुत है,
इस दिल को दुखाया बहुत है.....
Shrivastva MK
Written by
Shrivastva MK  23/M/INDIA
(23/M/INDIA)   
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       ---, Gourav R Dwivedi and Shrivastva MK
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