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Oct 2017
कई वर्ष बीत गए है तेरी याद में रोते हुए,
लिख रहा हु आज तेरी यादों को पलको को भिगोते हुए,

जब पहली बार ये नज़र तुझपर पड़ी थी,
मुस्कुराया था थोड़ा सा मैं क्योंकि मेरे सामने एक परी खड़ी थी,

धीरे धीरे हम एक-दूसरे के नज़दीक आते गए,
हंसकर एक दूसरे से सारी बाते बताते गए,

वो खूबसूरत पल धीरे-धीरे गुजरते चले गए,
हम उनके करीब वो हमसे दूर बढ़ते चले गए,

हर वक़्त हर पल मैं उनके लिए दुआ करता,
आंखों से आंसू गिरते फिर भी हंस हंस कर बाते करता,

खुदा को ये रिश्ता टूट जाना ही मंजूर था,
दर्द देना तो पहले से ही दुनिया का दस्तूर था,

अचानक से उनके सारे लब्ज़ बदल गए,
ओ सारे सपने पलभर में ओझल हो गए,

शायद उन्हें मेरी परख नही थी,
शायद उन्हें प्यार की समझ नही थी,

सच्चे प्यार का किस्सा अब पुराना हो गया,
दर्द से दोस्ती ,ये दुनिया वीराना हो गया,

दिल से एक सच्ची दुआ उन्हें हमभी मुस्कुरा कर दिए,
आपके दिल मे हमेशा जलते रहे खुशी के दिये,

हर सपने आपके पूरे हो जाये,
सफलता आपके कदम चुम जाये,

आज का प्यार पलभर में बदल जाता है,
ये इंसान तो पैसे के लिए अपनो को भूल जाता है,

आज अपनी टुटी कलम से आपको लिख दिया,
हमने भी बड़ी मुश्किल से दर्द में जीना सीख लिया,

आज मुझे ये झूठा प्यार समझ आ गया,
आज मेरा अकेलापन ही मुझे भा गया,

अगर ज़िन्दगी रही तो ज़रूर मिलेंगे,
मेरे प्यार के  फूल भी फिर से खिलेंगे,

एक अधूरी कहानी...........
Shrivastva MK
Written by
Shrivastva MK  23/M/INDIA
(23/M/INDIA)   
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       ---, Hashim ZK and Shrivastva MK
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