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Shrivastva MK Jan 2018
बड़ा अजीब है दास्तान-ए- प्यार का,
बिन लब्ज़ मोहब्बत-ए- इज़हार का,
बेशब्री से इंतेज़ार है हमे उस पल का
उस प्यारी परी, मौसम-ए- सदाबहार का,

इन होठों पर सजी रहे मुस्कान-ए-प्यार का,
इन दिलो मे बनी रहे तड़प-ए-बेक़रार का,
हर ख्वाइशें हमारी हो जाएंगी पूरी जब
आएंगी वो खूबसूरत पल-ए-इंतेज़ार का,

कोई सपना अधूरा ना रहे मेरे सच्चे यार का,
खुशियां हमेशा पहरा करे उनके घर द्वार का,
उस ख़ुदा से बस एक दुआ है हमारी
मुस्कान उनके होठों पर दस्तक दे सारे संसार का।

मनीष श्रीवास्तव.......✍
Shrivastva MK Nov 2017
दर्द देने वाले मुझे आज कुछ नया सीखा गए,
दिल तोड़कर मेरा आज मुझे वफ़ा सीखा गए,
हर बार देते है इस दिल को एक जख़्म नया,
एक और जख़्म देकर आज मुझे बेवफा बना गए,

काश! इस दिल का दर्द भी हम दिखा पाते,
कितने जख़्म है इस दिल मे वो दिखा पाते,
तो शायद आज बहानो की ज़रूरत ना पड़ती,
ये जख़्म ही बिन कहे सबकुछ बता जाते..✍
Shrivastva MK Nov 2017
अगर मेरी किस्मत फूटी ना होती,
तो शायद वो पल भी हमसे रूठी ना होती,
हमसफ़र बन ज़िन्दगी भर साथ निभाते,
यदि वो सारे वादें झूठी ना होती।

अगर इन आँखों में आंसू देने वाली वो बातें याद ना होता,
तो ख़ुदा कसम ये दिल भी किसी दर्द के मोहताज़ ना होता,
मुस्कुरा तुम्हे अपना लेते हम यदि,
उस पल तेरी बेवफ़ाई का आगाज़ ना होता,
Shrivastva MK Feb 2018
जब मेरी रूह इस शरीर से चली जायेगी,
सच मे उस दिन मुझे सुकून का नींद आएगी,

ना कोई गम ना किसी खुशी का इन्तेज़ार होगा,
आंखों में आंसू होंगे सबके,शरीर जलकर राख होगा,

मेरी खामोशी से कई लोग रूठ जाएंगे,
कई नाराज़ होंगे तो कई लोग टूट जाएंगे,

ज़िन्दगी का पहिया उस दिन से रुक जाएगा,
सफ़र ये सपनों का उस दिन से पूरा थम जाएगा,
179 · Nov 2017
बेनाम.....?
Shrivastva MK Nov 2017
दिल की गलियों में इतना अंधेरा सा क्यों है,
प्यार का हर फूल इतना बिखरा सा क्यों है,
जिसे हर वक़्त सजाया करता था मैं,
वही बाग आज इतना उजड़ा सा क्यों है।

मेरी ज़िन्दगी इतनी झूठी सी क्यों है,
मेरी किस्मत इतनी फूटी सी क्यों है,
जो पल हमे एक नई मुस्कुराहट देती है,
वही पल आज इतनी रूठी सी क्यों है।

मेरे हर ख्वाब आज इतना अनजान सा क्यों है,
मेरा प्यार आज इतना बदनाम सा क्यों है,
जिसे मैंने अपनी ज़िन्दगी नाम दिया था,
वही आज इतना बेनाम सा क्यों है..........
Shrivastva MK Nov 2017
इश्क़ की सिहाइयो से तेरा नाम लिख दु,
हर जगह हर गली में  सरेआम लिख दु,
वसियत से कीमती ये दिल अपना
उस खूबसूरत प्यार के नाम लिख दु,

इन मासूम नयन में आपको बसा लू,
अपने दिल का हाल आपको बता दु,
बस कुछ लमहात की ख्वाईश है आपके साथ,
ज़िन्दगी भर का प्यार आपके साथ चंद पलो में जता दु,

आपका हर दर्द मैं खुशी खुशी सह लू,
जो कुछ बचे है इस दिल मे वो आपसे कह दु,
आपके इन खूबसूरत होठों को चूम,
आपको अपनी बाहों में भर लू,
अपनी बाहों में भर लू.........

LoVe U dEaR.........
Shrivastva MK Feb 2018
समझाये भी तो कैसे जब खुद ही टूट गये है,
मनाये भी तो कैसे जब ये पल ही रूठ गये है,
अब इन आँसुओ की कोई कद्र नही करता साहब,
इंसान की नियत हैवान,दिल पत्थर हो गये है,

आज सच की तस्वीर पुराने हो गए है,
अब तो वो सारे लोग बेगाने हो गए है,
दुसरो की बात क्या करे साहब
यहाँ तो अपने-अपनो से पराये हो गये है,

सारे रिश्ते अपने अब टूट गए है,
सारे दोस्त  मुझसे रूठ गए है,
जिससे मिलती थी कभी हिम्मत मुझे,
वो आज कहि अनजान राहों में छूट गए है....

Wish u all happy holi,
Plz spread happiness n don't hurt anyone...
Happiness gives only happiness but sorrow gives only sorrow....
148 · Feb 2018
आँसू
Shrivastva MK Feb 2018
एक बरसात ऐसा भी जो बिन मौसम ही चले आते है,
कभी खुशी तो कभी गमों के सागर में डूबा  जाते है,
भले ही छोटी पड़ जाती हो ये आंखे पर,
दो -चार बून्द आंखों से टपक पूरी प्यास बुझा जाते है,

जब हम किसी से किये वादें भूल जाते है,
तब शायद ये आंसू ही याद दिलाते है,
भले ही इसकी कद्र ना हो किसी के सामने,
पर जब भी आते है इन आँखों मे कुछ नया सीखा जाते है,

सूखे आँखों की शोभा बढ़ा जाते है,
टूटे दिल को सुकून दे जाते है
एक एक बूंद मिलकर आंखों में
तब ये आंसू कहलाते है....
Shrivastva MK Sep 2018
ऐ आसमां हमें भी अपने साथ ले चल,
मिलने को ख़ुदा से रहा है ये दिल मचल,

कभी सजाया करता था ख़्वाब जिन आँखों मे,
आज वो अश्क़ से भरे है, रूठा है हमारा सुनहरा कल,

कोई नहीं है अपना यहाँ इस रंगबिरंगी दुनिया में,
देर से ही सही पर धीरे धीरे सब जाएँगे बदल,

पलभर का भरोसा नही है अपनी सांसो पर यहाँ,
तो जनम जनम का वादा कैसे? किसने देखा है अपना कल,

ज़रूरत नहीं हमें खुशी के पलों की साहब,
दर्द के साथ आज भी मुस्कुराते,दर्द के साथ ही बीत जाएंगे सारे कल,

बहुत थक चुके है खुद को समझते समझते,
ऐ ख़ामोशी अब हमें भी अपने आगोश में ले चल,

क्यों दिखाते हो सपनें वो जो कभी हमारे थे ही नही,
नही चाहिए मुस्कान हमें नही चाहिए खुशी के पल,

बस एक दुआ कर क़बूल मेरी रखना सभी को खुश,
और कर दे समाप्त हमेशा के लिये मेरी धड़कन की हलचल,
इस साँसों की हलचल....
Everything starts with time and end with tym...In this beautiful era no one is urs ...At the time of last breath no one will go with u...We come alone n will go alone...It's a universal truth .....

— The End —