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दोस्तों से मुश्किल है हकीकत छुपाना
जैसे हवा से अलग रवानी को रखना।

जिंदगी के अनुभव बेशक अलग-अलग होंगे
मुश्किल नहीं मगर एक दूजे की कहानी समझना।

इशारों में समझाना बहुत कर लिया
चलो दोस्तों से करते हैं वही व्यवहार बचकाना।

यदि कभी कुछ सुनाना पड़े दोस्तों को
बस याद उनकी एक-एक शैतानी दिलाना।

मिलकर यदि किसी दोस्त से छलक जाए आंसू
शाम को उड़ा देना उनको तेरे नाम के पैमाना।

देखी होंगी दशकों में कई नायाब इमारतें तूने
होना हो रूबरू जवानी से, बार-२ तेरे कॉलेज जरूर जाना।।
एक बच्ची को‌ कंस ने मारा तो
वह आकाश की बिजली बन गई
वर्षा के समय खौफ पर्याय हो गई
हमने मारी  हैं कोख में लाखों बेटियां
शायद वो सब पाताल भैरवी से लड़ गई
और हमारी वंश वृद्धि सवाल बन गई।।
पानी में  पैर डालकर
प्रेमी जोड़े बैठे रहते थे
दूर किनारे बैठकर
हम भी सोचा यह करते थे
पास नहीं तो क्या हुआ
पानी तो एक ही है
रोमांस तो सोच में है
पास वाले तो संकोच में है
उनके जाने के बाद
उन्हीं सीढ़ियों पर कुत्ते
आराम फरमाते थे
देखकर उन कुत्तों को हम
भी युधिष्ठिर बन जाते थे
कहीं झील देखकर आज भी
मन‌ में उन‌ दृश्यों को भूना लेते हैं
और उम्र को झुठला देते हैं।।
ज्योतिषी बन हाथ देखना
वह तो एक बहाना था
कइयों को जलाना था
बनाना एक फ़साना था
गुड़ देख मक्खी की तरह
मुझे भी हाथ चिपकाना था
सहेलियों के कहकहों के बीच
तेरा वह नजाकत से हाथ छुड़ाना
भरता हुआ मेरा जिंदगी भर का
रोमांस का नायाब खजाना था।।
इश्क हमारा नादान उम्र में भी संजीदा था
पीपल के पेड़ के नीचे कनखियों से देख
मुस्कुराकर कर बस अंगड़ाइयां ले लेते थे
ना उसने कभी कुछ कहा ना हमने
बस बातें आंखें ही आंखों से  कर लेती थी।
अब झुर्रियों में इश्क फरमाना पेचीदा है
बस स्याह काकुलें देख कर
वाह! को आह के अंदाज में कहकर
बंद आंखों से बीता समय महसूस कर लेते हैं ‌।।
काले को सभी कहते काला
न ही किसी ने उधर नजर डाला
तूने जब गाऊन काला डाला
काले को बना दिया उजाला।।
आज एक बार फिर 'डियर'
बोल कर उसने सितम कर दिया
उम्र को धक्का देकर पीछे कर दिया
दिल के महल में एक दिया जला‌ दिया
अंदाज उसका यह हमें भी भा गया
उम्र हमारी भी दिल फेंक वाली नहीं फिर भी
उम्र के इस बरगद में 'प्रेम पंछी' के लिए
कोटर बनाना अब और भी आसान हो गया।।
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