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Mohan Jaipuri Nov 2024
मिलकर मन हर्षाए
दिन पल में बदल जाए
मन जूगनू बन जाए
और चमक आंखों आए
रिश्ता यह दिल का कहलाए ।।
Mohan Jaipuri Nov 2024
वह इतना ऊंचा देखते हैं
मैंने कोशिश की और ठिठक गया
उन जैसा कुछ कर ना सका
यादों के भंवर में ही उलझ गया।।
- मोहन सरदारशहरी
Mohan Jaipuri Nov 2024
मौसम तो आते जाते हैं
मौसम की रवानी का क्या कहना
बात पुरानी कहकर देखो
फिर जानो क्या होता‌ है दिल में रहना ।।
Mohan Jaipuri Nov 2024
बन आईना उनको देखता रहा
स्केच भी बनाता रहा
शीर्षक क्या दूं
मसला यह अनसुलझा रहा।।
Mohan Jaipuri Nov 2024
शायरी मेरी मेहबूबा
इश्क इसका ले डूबा
चढ़ा के चाय भूल जाऊं
चाय और पतीला दोनों जलाऊं
खुद को ठन ठन पाल पाऊं।।
     😀😀😀😀
Happy Diwali Helloians
Mohan Jaipuri Oct 2024
Spreading light
Making Diwali bright
Mohan Jaipuri Oct 2024
एक दीप जो आज ही के‌
दिन बुझ गया  था
बुझने से पहले गौरवशाली गाथाओं
के दीप कई जला गया था।।
      नमन 🙏🙏
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