ये चोकलेट भी अजीब है
चूसकर खाऊं तो गंवार कहलाऊं
चबाने पर मुंह में ठहरा ना पाऊं
दांतों पर चिपकी सह ना पाऊं
गरमी मिलते ही संभाल ना पाऊं
पैकिंग देखकर रोज ललचाऊं।
तू भी लगती एक चोकलेट
तेरी बातें सुन सुन शर्माऊं
देख देख तुझे लार टपकाऊं
साथ चले तो लोगों से डर जाऊं
ऊंच नीच हो तो तुझे संभाल ना पाऊं
देखें बिना तुझे रह ना पाऊं।
चल मेरी चोकलेट
आज से मैं बर्फ बन जाऊं
सिने पर मेरे तू रहे सुरक्षित
बंधन अपना हो जाये अक्षत
दुनिया में निभ जाये दस्तूर
तेरी उंगली के स्वरों का मैं संतूर।।