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Mohan Jaipuri Jun 2022
तू मेरे ख्वाबों की मलिका
तेरा देख चेहरा दिल धड़का

यह दुनिया लागे फीका‌ साग
तू लगे उसका तड़का।

तू मेरे ख्वाबों की मलिका......

गीत दुनिया के लगे शोर
बस तेरे स्वर चितचोर
तू आज खामोश है
पेन कवि का अटका।

तू मेरे ख्वाबों की मलिका......

रंग दुनिया के लगें सब फीके
महक फूलों की गायब
बस तेरा ही श्रृंगार देख
मेरा होता नैन मटक्का।

तू मेरे ख्वाबों की मलिका
तेरा देख चेहरा दिल धड़का।।
Mohan Jaipuri May 2022
झील किनारे एक घना वन
देख खूबसूरती लगे यों जैसे
यह है तेरे मेरे दिल का बंधन।।
Mohan Jaipuri May 2022
आखा तीज से अक्षय  बने
शिक्षा, स्वास्थ्य और समृद्धि
आखा तीज का कलंक मिटे
बाल विवाह से नाता छूटे।।
Mohan Jaipuri Apr 2022
आज ना लिखूं तो
मैं कैसा लेखक ?
ना पढूं तो
कैसा पाठक ?
पुस्तककोष नहीं मेरे पास
समय का है ये कैसा पाश?
लिख दूं फिर
कोई ऐसा नगमा
सबको आ जाए जो रास
सिद्ध हो जाए
पुस्तक दिवस पर
वो एक सार्थक प्रयास।
Mohan Jaipuri Apr 2022
‌        हवा महल
गुलाबी नगर की शान है
बड़ी चौपड़ की जान है
हवाओं को जिस पर नाज है
वो निरख रहा किसी के अंदाज है।
# Negi at Hawa Mahal today
Mohan Jaipuri Mar 2022
जब तक साथ रानी
तब तक है कहानी
छूटी जब रानी
दुनिया हुई बेगानी
Mohan Jaipuri Mar 2022
उधर उम्र के साथ अदायें
और उन्नत हो जाती हैं
यहां चश्मे की आड़ में आंखें भी
ताड़ने में हुनरबाज हो जाती हैं।।
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