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First view from my room on
First floor of my house.
A mixture of Enjoying & Missing

मैं बाद में घर पहुंचा
पहले घर पहुंचा मेरा
पेंशन पेमेंट आदेश
देखकर‌ दिल खुश हुआ
दिल ने दी आशिष।
ब्रेकर लगाने की तरह
RVPN तेरी तत्पर सेवा
धूप, छांव , बरसात की
ड्यूटी का यों मिला है मेवा।
घर मेरा लगता है
जैसे बगीचे में है बसा
ब्रेकर लगने की तोप सलामी
और ट्रांसफॉर्मर के हमिंग को
मन आज बहुत तरसा।।
     🙏🙏🙏🙏
अब लोगों को याद कहां
गणतंत्र का मतलब
एक झण्डे के नीचे खड़े हैं
हर समानता कलमबद्ध
पूछो‌ अपने पूर्वजों से कभी
यूनियन जैक के करतब।।
आंखों ने जब दावत दी
होठों से दिल जा टकराया
लाली गालों की फूलों सी
महक-ए- बदन ने भौंरा बनाया।।
एक रुद्राक्ष बेचने वाली लग रही
जैसे खुद हो एकमुखी रुद्राक्ष
मिडिया को भी यह भ्रम है
जैसे वही है महाकुंभ का अक्ष।।
गुलाबी फित्ते लिपटा सफेद गुलाब
जैसे बयां करता मिलन की आग
तूने बिन सोचे यों ही भेज दिया
मैं  किस सूरत में लिखूं जवाब।।
मौसम बदल रहा है
धूप शर्मा कर निकल रही है
खाने-पीने, पहनने
की चाहत पनप रही है
पतंगें आकाश को
रंगीन बना रही हैं
तूने जो पतंग उड़ाई
मेरा बचपन लौटा
पार्क हुआ गुलजार
ख्यालों का नहीं टोटा
पल में सदियां जीने में ही
असल जीवन है सिमटा
कहे 'मोहन' सुन बेटा वक्त को
तूने है बड़ा सलीके से लपेटा ।
मकर संक्रांति आई
तिल तड़क्या,दिन भड़क्या
पतंग उड़ाई, डफ ढूंढा
फागण के चाव में बिगड़े मुंडा ।
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