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मसरूफ़ थे हम उनकी मोहब्बत में और उन्हें लगा हम कहीं दूर चले गए,
अल्फ़ाज़ भी वही थे,लहज़े भी वही था और उन्हें लगा हमारे सुरूर बदल गए,

हमारी कशिश बढ़ती गयी उनके उल्फ़त में और उनकी गलतफहमियां,
अपनी क़िस्मत से फ़िर कैसी रुशवाई जब पलभर में उनके सुर बदल गए,

अब वो ना टूटता तारा नज़र आता,ना आती है नज़र उनकी फ़रेबी निगाहें,
फ़िर कैसी शिकायत ख़ुद की क़िस्मत से जब उनके सारे दस्तूर बदल गए,

दूरियां बढ़ती गयी,एहसास मरते गए फिर उन्हें दलील क्या दे,
जब वर्षो से चला आ रहा उनके चाहत के सारे फ़ितूर बदल गए,

आहिस्ता आहिस्ता वो दौर सिमट गए,जला दिए अपने सारे ख़्वाब,
अब मतलब उस ज़न्नत से क्या जब उस ज़न्नत के सारे हूर बदल गए,

मुड़कर देखा जब फ़लक को तो अश्क़ से भर चुकी थी निगाहें,
जिस चाँद को देख कभी मिलती थी खुशी,उस चाँद के सारे नूर बदल गए.....
कुछ ज़िन्दगी तो कुछ ज़िन्दगी का सबक बन जाते,
कुछ करते मुक्कमल प्यार कुछ दर्दे नासूर बन जाते,

पर शायद ये इस खूबसूरत दुनिया का दस्तूर है,
जिससे होती बेइन्तहां मोहब्बत वो अक्सर दूर चले जाते,

किसी की खुशी के लिए हम खुद को बदलते,
पर कुछ उसे भी नजरअंदाज कर जाते,

वक़्त का खेल तो देखिए साहब
कुछ छीन लेते पलभर की ख़ुशी और कुछ पलभर में ज़िन्दगी भर की ख़ुशी बन जाते,

कुछ पास रहकर भी पास न थे
और कुछ दूर रहकर भी इस दिल का ख़ास बन जाते,

कुछ वर्षों का विश्वास तोड़ देते है पलभर में,
और कुछ एकपल में ही ज़िन्दगी भर का विश्वास बन जाते,

कुछ कहते अग़र हो सकें तो कभी मेरे सामने मत आइयेगा,
और कुछ कहते हर जगह सिर्फ आप ही नज़र आते,

हम उनके नज़रो से क्या दुनिया से ही ओझल हो जाते,
सिर्फ़ एक बार तो मेरी गलतियां बता जाते,

बेशक़ हम खुश है वक़्त का तकाज़ा देखकर,
अगर आज वो होते तो शायद आज हम इतना खुश नही रह पाते,

मोहब्बते नाम करना हो तो खुद पे रखना भरोसा,
वरना इस दुनिया में लोग पलभर में बेवफा बना जाते।



ख़ुदा का तहे दिल से शुक्रगुज़ार है हम जो दुनिया का सबसे बेसकीमती तोहफ़ा हमे दिया....
Love u so muchhhhhhh dear zindagi....
 Jun 2018 Avanish maurya
Miss Ana
does the inside of your head
ever feel like a radio
thats constantly changing
stations
with lots of
static
and all the stations are
bad thoughts
that are strung together in
a sort of continuous narrative
of constantly escalating
fear
and
compounding dread?
intrusive thoughts

— The End —