Submit your work, meet writers and drop the ads. Become a member
1d
"कहती हो हर मुलाकात पर, गर्व है तुम पर,
करते रहो कोशिश, लेते रहो नन्हे कदम।
ज़िन्दगी बड़ी सुहानी है, खुल के जियो हर पल,
आने वाला कल क्या होगा, ये किसने जाना ?
तो छोड़ो बीते पचड़े, कल की चिंता,
और चल पड़ो, सब्र का हाथ थामे अपनी राह पर।"
keep moving forward, let go of the past, and don’t stress about the uncertain future.
Written by
raahii  27/M/Gurgaon
(27/M/Gurgaon)   
33
 
Please log in to view and add comments on poems