Submit your work, meet writers and drop the ads. Become a member
Jan 24
वो पहली मुलाक़ात, सामान्य से हालात,
वो तेरा चुलबुलापन, होठों पर मुस्कुराहट।
जब भी मन मायूस हुआ,
तुझे याद किया, तेरा नाम लिया।

बेसब्र कर देता है मुझे, अगली मुलाक़ात का इंतज़ार,
याद कर लेता वो मुस्कान, आ जाती है जान।
फिर से एक दिन काट लिया,
तुझे याद किया, तेरा नाम लिया।

कैसे कहूँ मोहब्बत है तुझसे, अपना बनाना चाहता हूँ,
अक्सर दिल की बातों को, स्याही में ला पाता हूँ।
सहम जाता सोचकर, कि तूने इंकार किया,
तुझे याद किया, तेरा नाम लिया।

जुटा रहा हूँ होंसला, लाऊंगा जुबां पर,
स्याही के लफ़्ज़ों का, कर दूंगा इज़हार।
इंतज़ार है अगली मुलाकात का, इस रात दिल संभाल लिया,
तुझे याद किया, तेरा नाम लिया।

धड़क रहा दिल ज़ोरों से, जो थामे हूँ तेरा हाथ,
इन नन्ही सी उँगलियों से, मिलता है विश्वास।
हैं साथ तेरा जो मेरे, पा गया जहान,
इन प्यारी सी आँखों में, देख लूं कायनात।

लगता जैसे हैं हमारा, जनम जनम का साथ,
काटना चाहता हूँ, हर सुख दुःख तेरे साथ,
आँख खुली, एह्साह हुआ, सपना मेरा टूट गया,
तुझे याद किया, तेरा नाम लिया।
unspoken love, longing, and fear of rejection, focusing on anticipation, memories, and emotional conflict.
Written by
raahii  27/M/Gurgaon
(27/M/Gurgaon)   
  116
 
Please log in to view and add comments on poems