वो सर्द रातें , कड़कड़ाती ठण्ड, वो धुंद का साया, और ओस मै जमे हम। याद है अभी भी, जब तुम कसके हाथ पकड़ लेती थी उन सुर्ख हाथों मै भी जान भर देती थी। अब वो हाथ किसी और के हाथ मैं हैं और ये सुर्ख हाथ, लाश सामान से हैं।
The cold winter nights once felt warm in your grasp, But now, those hands hold someone else, leaving mine lifeless.