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Mar 5
यह इश्क नहीं आसान
पहले देख- देख मुस्काना
फिर मिलने का ढूंढो बहाना
मिलो तो तारीफों का उलाहना
"झूठे - झूठे बार -बार सुनना"
बिन तारीफ तो पास क्या जाना
कभी गर्दन सुराहीदार बताना
कभी कमर का बल खाना
कानों के झूमके झूले
उनमें खुद को स्पर्श करते देखना
सब ठीक-ठाक हो तो शादी होना
उम्र भर उसका कुत्ता घुमाना
बाजार जाओ तो चुपचाप बैठे रहना
पर्स खाली होते देखना
फिर बैग उठा-उठा गाड़ी में रखना
घर आकर बच्चे कहें
पापा आपकी पसंद खराब ,मम्मी सब जानती है
अगली बार आप तो गाड़ी में ही रहना।।
        😀😀😀😀😀
Mohan Sardarshahari
Written by
Mohan Sardarshahari  56/M/India
(56/M/India)   
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