यह इश्क नहीं आसान पहले देख- देख मुस्काना फिर मिलने का ढूंढो बहाना मिलो तो तारीफों का उलाहना "झूठे - झूठे बार -बार सुनना" बिन तारीफ तो पास क्या जाना कभी गर्दन सुराहीदार बताना कभी कमर का बल खाना कानों के झूमके झूले उनमें खुद को स्पर्श करते देखना सब ठीक-ठाक हो तो शादी होना उम्र भर उसका कुत्ता घुमाना बाजार जाओ तो चुपचाप बैठे रहना पर्स खाली होते देखना फिर बैग उठा-उठा गाड़ी में रखना घर आकर बच्चे कहें पापा आपकी पसंद खराब ,मम्मी सब जानती है अगली बार आप तो गाड़ी में ही रहना।। 😀😀😀😀😀