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Mar 2023
वह लड़का था
मगर उसे घर छोड़ना पड़ा
बेदर्द इस दुनिया में
हजारों से वह लड़ा
नसीब लिखने की कोशिश में
कई बार खाना-पीना भी छोड़ा
नैया जब किनारे पहुंची
भाग्य ने अटकाया फिर रोड़ा
बिछुड़ा दिया एक पंछी
जो हमेशा दुरर्दिनों में साथ था खड़ा
भौतिक संसाधनों का मोह
पल भर में ही छूट पड़ा
दुनिया के दु:खों  से लड़ने में
तू बनता है सहारा
तेरे दिये दुखड़ों के आगे
बस बचता सिर्फ नाम तेरा।।
Mohan Sardarshahari
Written by
Mohan Sardarshahari  56/M/India
(56/M/India)   
120
   Khoisan
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