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Mohan Sardarshahari
Poems
Feb 2023
कब तक जारी रहेगा यूं ही जलाना
छरहरा बदन
गोरा गोरा रंग
सवेरे सवेरे
दिख जाता है
यह जादुई कंचन।
यह जींस और टॉप
फबते तुझ पर बहुत
उस पर तेरे ये जादुई
गुलाबी गुलाबी होंठ।
बालों को लहरा के
एक साइड में गिराना
काले तेरे गोगल्स
बनाते मुझे दीवाना।
कभी गजब ढा देता
तेरा 'पोज' यों बनाना
तुम तो अपने आप में
सुंदरता का खजाना।
ऐ हसीना बहुत
मुश्किल है दिल थामना
हम तो हैं पेट्रोल
तुम हो एक चिंगारी
कब तक जारी रखोगी
यूं ही हमें जलाना।।
Written by
Mohan Sardarshahari
56/M/India
(56/M/India)
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