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Feb 2023
वक्त ‌से है जंग मेरी
कभी खुशखबरी
कभी मजबूरी
कभी नजदीकी
कभी दूरी
सब की है यह धूरी।

वक्त से जंग है जरूरी
इस जंग का अस्त्र है सबूरी
वक्त के निशानों को
बनाता हूं मेरी आन
इससे ही बची है शान।।
Mohan Sardarshahari
Written by
Mohan Sardarshahari  56/M/India
(56/M/India)   
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