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Feb 2023
जिंदगी ‌एक सफर है
सूर्य सा दूजा मुसाफिर नहीं
जब ढक जाये बरसात से
निकले तो इन्द्र धनुष बनाये
उगे तब भी केशरिया
छिपे तब भी‌ केशरिया
जो रोज सुबह सूर्य को ध्याये
बुढापे में भी वो रोज मुस्काये।।
Mohan Sardarshahari
Written by
Mohan Sardarshahari  56/M/India
(56/M/India)   
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   Edmund black
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