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Dec 2022
शिकवे- शिकायतों को दफनाकर
जिम्मेदारी की गठरी उठाता चल
यादों, तन्हाइयों और रुशवाइयों को
फंतासियों से ही सही, मिटाता तो चल
बेशक ख्वाब काल्पनिक हों
पर निराशा असल मिटाता चल
जीवन की जंग में सब जायज़ है मोहन
तू कोई तीर हमेशा तरकश में तो रख।।
Mohan Sardarshahari
Written by
Mohan Sardarshahari  56/M/India
(56/M/India)   
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