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Apr 2022
क्या क्या काम बताओगे तुम,
राम नाम पे राम नाम पे?
अपना काम चलाओगे तुम,
राम नाम पे राम नाम पे?
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डीजल का भी दाम बढ़ा है,
धनिया ,भिंडी भाव चढ़ा है।
कुछ तो राशन सस्ता कर दो ,
राम नाम पे, राम नाम पे।
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कहने को तो छोटी रोटी,
पर खुद पर जब आ जाये।
सिंहासन ना चल पाता फिर ,
राम नाम पे राम नाम पे।
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पूजा भक्ति बहुत भली पर,
रोजी रोटी काम दिखाओ।
क्या क्या  चुप कराओगे तुम ,
राम नाम पे राम नाम पे।
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माना जनता बहली जाती,
कुछ दिन काम चलाते जाओ।
पर कब तक तुम फुसलाओगे,
राम नाम पे राम नाम पे?
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अजय अमिताभ सुमन:
सर्वाधिकार सुरक्षित
मर्यादा पालन करने की शिक्षा लेनी हो तो प्रभु श्रीराम से बेहतर कोई उदाहरण नहीं हो सकता। कौन सी ऐसी मर्यादा थी जिसका पालन उन्होंने नहीं किया ? जनहित को उन्होंने  हमेशा निज हित सर्वदा उपर रखा। परंतु कुछ संस्थाएं उनके नाम का उपयोग निजस्वार्थ सिद्धि हेतू कर रही हैं। निजहित को जनहित के उपर रखना उनके द्वारा अपनाये गए आदर्शो के विपरीत है। राम नाम का उपयोग निजस्वार्थ सिद्धि हेतु करने की प्रवृत्ति  के विरुद्ध प्रस्तुत है मेरी कविता "क्या क्या काम बताओगे तुम"।
ajay amitabh suman
Written by
ajay amitabh suman  40/M/Delhi, India
(40/M/Delhi, India)   
565
   dead poet
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