रीवाजो पर चलता हैं रीतियों का यह आदि हैं यह डोंग यह आडंबर कुछ नहीं बस बरबादि हैं खेलता है यह ईनसानो की भावनाओं से धनवानों का यह साथी हैं कुफ्र हैं यह, जलजला हैं कयामत का यह बाराती हैं बच के रहना ओ साथी मेरे अंधविश्वास की नगरी से भगवान बैठा है हर घर के चौकरी पर