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Jan 2021
दे रही है दस्तक, बारिश
चबूतरों और दरवाज़ों पर

उलझ से गए है कुछ दिल
दुनिया के माया जाल मे

पुकार रही है उन्हें
अपनी हल्की फुहार से

दे रही है दस्तक, बारिश
चबूतरों और दरवाज़ों पर

बहने दो इन आँसू को
मेरी कुछ बूँदों के संग

पुकार रही है बारिश
अपनी हल्की फुहार से

उड़ जाए, हर दिल का परिंदा
फिर, मासूम बचपन जैसा
4th January
Sarita Aditya Verma
Written by
Sarita Aditya Verma  49/F/Pune, India
(49/F/Pune, India)   
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