ऐसा लग रहा है जैसे दरिया से लौट रही हो दरिया की सारी नीलिमा लिपटाकर साथ ला रही हो पीछे सुनहरी रेत का सिर्फ जखीरा छोड़़ आई हो मेहरबानी बजरों पर हुई जो आप के सवार होने से नीले बच गये हों हीरे मोती दरिया के पर्स में भरके लाई हो हुस्न और वैभव सारा लूट समुद्र का किसका भाग्य लिखने जा रही हो