Submit your work, meet writers and drop the ads. Become a member
Jun 2020
तुम..... इस बारिश के मौसम सा हसीन हो जाते हो,
मैं …....चाय की चुस्कियों सी तरह तरोताजा हो जाती हूं,
तुम…... इस मिट्टी की खुशबू सा महक से जाते हो,
मैं.......तुम्हें देख कर फूलों की तरह खिल सा जाती हूं।
Written by
Kaushakee  F
(F)   
  111
 
Please log in to view and add comments on poems