सभी व्यस्त है अपने कामों मै या अपने दोस्तो मै मै है क्यों अपना वक्त बर्बाद कर रही हूं इन गैर सोच मै शायद मुझे भी अपनी ओर रूख मोरना चाहिए लोगो को छोर अपने आप को देखना चाहिए क्यों लोगो की सुनू खुद की सुनने की एक कोशिश भी ना करू पता नहीं क्या हो गई हूं खुद मै हि खो गई हूं क्या चाहती हूं खुद से ये भी ना जानू हर रोज़ तय करती हूं अपने ऊपर ध्यान दूंगी लोगो को छोड़ो उनका क्या है आज ये कहेंगे तो कल कुछ और तो अच्छा है न खुद मै खो जाऊं इस फरबी दुनिया की भीड़ मै खोने से ज्यादा बेहतर है खुद खुद मै खो जाऊं रोजाना कोशिश करती हूं खुद मै रहूं,खुद से रहूं पर नहीं होता क्या करू पर कोई ना कोशिश जारी रखी है देखती हूं कब तक खुद से हारती हूं खुद से जीतने के ज़िद्द बस कायम रखनी है।