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Aug 2019
भावनाएं ही अनमोल हैं
वरना सोना हो या मिट्टी
सभी एक तोल हैं
सोने को ही देखो
सोना है तो सोना है
अब क्या होना है
बन गया सोना नींद
सोना है , सोना है
इसे तो पाना है
बन गया सोना लालच
सोना है तो निश्चय ही
खोट इसमें होना है
बन गया सोना कलंक
बने रहना सोना
चमक‌ कभी ना खोना
बन गया सोना ईमानदारी
करो किसी से‌‌ वफादारी
निभाओ किसी से भागीदारी
भूल जाओगे सारी दुश्वारी
यही है जीवन की सवारी।।
Mohan Sardarshahari
Written by
Mohan Sardarshahari  56/M/India
(56/M/India)   
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     Surbhi Dadhich and Jeanette
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