भावनाएं ही अनमोल हैं वरना सोना हो या मिट्टी सभी एक तोल हैं सोने को ही देखो सोना है तो सोना है अब क्या होना है बन गया सोना नींद सोना है , सोना है इसे तो पाना है बन गया सोना लालच सोना है तो निश्चय ही खोट इसमें होना है बन गया सोना कलंक बने रहना सोना चमक कभी ना खोना बन गया सोना ईमानदारी करो किसी से वफादारी निभाओ किसी से भागीदारी भूल जाओगे सारी दुश्वारी यही है जीवन की सवारी।।