वैसे तो अभी वक्त नहीं है तथ्य और पथ्य जानने का कुनबा तेरा सशक्त नहीं मोल है उसका आने का। एक बात शाश्वत है जोखिम तभी लो जब हो कुछ पाने का तपे हुए सोने पर से विश्वास ना कभी डिगाने का। नतीजे जो भी हो सीख मिलेगी बढने की खुश किस्मत होते हैं वो घर जहां मां के हाथ कुंजी है तुम्हारी समझ को मानना यही तुम्हारी पूंजी है।