पांच अगस्त दो हजार उन्नीस सरकार वही काम उत्साही भारत जनमानस की आशा पूरित भयी बेहतरीन तैयारी सब पर भारी मिट गया नासूर घाटी की फिजा में आया नया शुरूर आतंक का मगर सदमे में आंसू दिखाए किसे जो थी आवाज वह पड़े थे घिसे अब खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे नया इतिहास नया नक्शा एक हुआ झंडा एक सा डण्डा नए निवेश की खुल गयी राह अब कश्मीरी लौटेंगे अपने पुरातन गृह नये चिराग नये छिनार करें सुविचार एक स्वर में बोलें धन्य हो भारत सरकार।।