Submit your work, meet writers and drop the ads. Become a member
Aug 2019
पांच अगस्त
दो हजार उन्नीस
सरकार वही
काम उत्साही
भारत जनमानस की
आशा पूरित भयी
बेहतरीन तैयारी
सब पर भारी
मिट गया नासूर
घाटी की फिजा में
आया नया शुरूर
आतंक का मगर सदमे में
आंसू दिखाए किसे
जो थी आवाज
वह पड़े थे घिसे
अब खिसियानी बिल्ली
खंबा नोचे
नया इतिहास
नया नक्शा
एक हुआ झंडा
एक सा डण्डा
नए निवेश की
खुल गयी राह
अब कश्मीरी लौटेंगे
अपने पुरातन गृह
नये चिराग
नये छिनार
करें सुविचार
एक स्वर में बोलें
धन्य हो भारत सरकार।।
Mohan Jaipuri
Written by
Mohan Jaipuri  60/M/India
(60/M/India)   
  245
   Sophie and Sarita Aditya Verma
Please log in to view and add comments on poems