संवेदनाएं सब जगह एक सी होती हैं अभाव के जख्म भी एक जैसे होते हैं लोग जड़ों को छोड़ खुश रहने की कामना करते हैं जड़ों के बिना नहीं फलता - फूलता कोई
फिर चाहे एल - साल्वाडोर के अल्बर्टो बेटी वालेरिया संग ही क्यों ना होई और आशा अमेरिका में पहुंचकर अच्छी जिंदगी जीने की ही क्यों ना होई बिन रास्ते का सफर नहीं होता फलदाई जड़ों के बिना नहीं फलता - फूलता कोई
यह परिणाम है कल्पना और दुस्साहस के मेल का जिसका ना कोई अस्तित्व, ना कोई तहलका आज यह नजारा देख मानवता रोई जब टी - शर्ट में बाप की बेटी फंसी मरी पाई जड़ों के बिना नहीं फलता - फूलता कोई
कल्पनाओं के पास ठिकाने का रास्ता नहीं होता दुस्साहस के पास वजूद का हिसाब नहीं होता काश! अनुभवी मां की बात मानी होती संस्कारों और जड़ों को तवज्जो दी होती मानवता यों ना निराश हुई होती दो जिंदगियां यों ना सोई होती सही रास्ते के बिना ना सफल हो सके कोई जड़ों के बिना नहीं फलता - फूलता कोई