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Jan 2019
दस साल बाद  मौका आया
जब जुकाम ने ऐसा हिलाया
आज फिर छठी का दूध याद आया
फर्क बस यह है कि उस समय अपने पास थे
आज अकेला छत को ताक रहा हूं
बीते वर्षों के कहर याद कर रहा हूं
क्यों तकलीफ में यादें नागिन सी जवां होती हैं
और धीरे-धीरे डसती हैं
क्यों मुश्किल समय में हम यादों का पीछा करते हैं
और अपनी मजबूती को बंधक बना देते हैं।
Mohan Jaipuri
Written by
Mohan Jaipuri  60/M/India
(60/M/India)   
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   Shruti Dadhich
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