मित्र चाहे कितने भी क्यों ना हों, एक मित्र जस्सी जैसा सरदार भी रखना। जब जी करे चुटकुले सुनने का झट से उसे याद करना। शहादत का जब जिक्र आए तुरंत उससे इतिहास जान लेना। खाने पीने की बात आए या नया हो कुछ करना तुरंत उस से सलाह लेना और उसका साथ हाजिर पाना। मित्र चाहे कितने भी क्यों ना हों, एक मित्र जस्सी जैसा सरदार भी रखना। दिमागी कसरत करनी हो तुरंत उसे संदेश देना सारे जहां की पहेलियां हाजिर पाना। कभी गणित की, कभी मेंटल एबिलिटी की, कभी विज्ञान की चुस्ती दिमाग में लाना। मन करे समाचार और समीक्षा का कभी भी उसको कॉल करना कर देगा सराबोर अपने रंग में बस उसे एक बार झेल तो लेना। मित्र चाहे कितने भी क्यों ना हों, एक मित्र जस्सी जैसा सरदार भी रखना। मन हो शायरी सुनने का एक बार उसको पिंच कर देना फिर देखो पटियालवी शायरी बस तुम्हें ही पड़े संभालना। जब धैर्य हो उसका आजमाना कुछ ऐसा पांसा फेंकना ज्ञान की परतें बस उसे पड़े खोलना तुम्हें मिसाल दर मिसाल पड़े समेटना कभी ना धैर्य खोने वाले दोस्त से होगा सामना। मित्र चाहे कितने भी क्यों ना हों, एक मित्र जस्सी जैसा सरदार भी रखना।। पंजाबी भाषा समझना हो या फिर गुरमुखी हो जानना लिखित संदेश भेज दो विशुद्ध ट्रांसलेशन जान लो फिर हिंदी हो या जुबां हो ब्रितानियां उसकी पकड़ तीनों पर है काबिले बखानियां हमारी सबसे गुजारिश है ऐसे दोस्त सभी अपनी मित्र मंडली में रखना। मित्र चाहे कितने भी क्यों ना हों, एक मित्र जस्सी जैसा सरदार भी रखना।।