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Sep 2018
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मुसलसल आप जो
इज़हार-ए-प्यार करते हैं।
कहीं ये शक तो नही कि
हम आप ही पे मरते हैं।।

मोहब्बत यूँ तो है अपना
भी तास़ीर-ए-जिग़र।
मगर सच जानिये
फ़रेब-ओ-जफ़ा से डरते है।।

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©deovrat 15.09.2018
Deovrat Sharma
Written by
Deovrat Sharma  58/M/Noida, INDIA
(58/M/Noida, INDIA)   
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