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Apr 2018
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जब हम-ओ- तुम मिले थे..
तुम्हें याद है वो लम्हे।
जैसे बहार-ए-गुल हो...
हयात-ए-जिन्दगी हो।।
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वो हसीन हादसा था..
या तो ख्वाब था वो कोई।
हकीकत है, मै हूँ तन्हा...
तुम भी कहीं नही हो।।

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©  deovrat - 22.04.2018
Deovrat Sharma
Written by
Deovrat Sharma  58/M/Noida, INDIA
(58/M/Noida, INDIA)   
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