आपको दिल से चाहना मेरी आदत हो गई है, आपकी याद में खो जाना मेरी इबादत हो गई है, आखिरी सांस तक साथ निभाऊंगा आपका मैं, आपका साथ अब तो मेरी मुस्कुराहट हो गई है,
जब दर्द आपको हो,आहें मैं भरता हूँ, छुप कर इस दुनिया से,अकेले में बहुत रोता हूँ,
सूखी पंखुड़ियां भी अब गुलाब बन गई है, विषैली शराब भी मीठी शबाब बन गई है, मिलने ही एक ख्वाइश दिल में सजाके, अब पल पल तड़पती मुलाकात बन गई है,
इन आँखों में आपकी तस्वीर सजाये बैठा हूँ, इस दिल मे मिलन की आस लगाये बैठा हूँ,
हमारी हर पल एक मीठी गीत बन गई है, भँवरे की गुनगुनाहट प्यारी संगीत बन गई है, कल तक जो बन्द पड़ी थी ज़ुबाँ मेरी, आज आपके प्यार में हर लफ्ज़ गज़ल -ए-जगजीत बन गई है।