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Feb 2018
इन काच की बोतलों में दम घुटता है
घूरती हुई आखो से तीर सा चुभता है

रस्मो रिवाजो में कैद से है
पल पल गिरती रेत से है
हर औरत की यही कहानी
लफ्ज जुदा , जस्बात एक से है

हर दिन सारे आम एक दामन लुटता है
इन काच की बोतलों में दम घुटता है
Bhakti
Written by
Bhakti  26/F/India,Indore
(26/F/India,Indore)   
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